बुधवार, 9 दिसंबर 2015

बिहारी के दोहे और अर्थ


Bihari Ke Dohe in Hindi – bihari ke dohe in hindi with the meanings – बिहारी के दोहे अर्थ सहित
Bihari Ke Dohe in Hindi with meaning – बिहारी के दोहे
बिहारी रीतिकाल के प्रमुख कवि हैं. बिहारी सतसई उनकी एक मुख्य कृति है. बिहारी की शब्द आभिव्यक्ति अत्यंत मधुर और मनमोहक हैं. इनका जन्म 1595 में हुआ था. तो आइए बिहारी के कुछ प्रसिद्ध दोहों को अर्थ सहित जानते हैं.
बिहारी के दोहे अर्थ सहित :
  • कब को टेरत दीन ह्वै, होत न स्याम सहाय ।
तुम हूँ लागी जगत गुरु, जगनायक जग बाय ।।
अर्थात – हे कृष्ण, मैं कब से दीन-हीन होकर तुम्हें बुला रहा हूँ लेकिन तुम हो कि मेरी मदद हीं नहीं कर रहे हो. हे जगतगुरु, हे जग के नायक क्या तुमको भी इस संसार की हवा लग गई है ? क्या तुम भी इस दुनिया के जैसे हो गए हो ?
  • नीकी लागि अनाकनी, फीकी परी गोहारि ।
तज्यो मनो तारन बिरद, बारक बारनि तारि ।।
अर्थात – हे कृष्ण, मुझे लगता है कि अब तुमको आनाकानी करनी अच्छी लगने लगी है और मेरी पुकार फीकी पड़ गई है. मुझे लगता है कि एक बार हाथी को तारने के बाद तुमने भक्तों को तारना छोड़ हीं दिया है.
  • कोटि जतन कोऊ करै, परै न प्रकृतिहिं बीच ।
नल बल जल ऊँचो चढ़ै, तऊ नीच को नीच ।।
अर्थात – चाहे करोड़ो बार भी कोई व्यक्ति प्रयास क्यों न कर ले, लेकिन वह किसी भी चीज या व्यक्ति का मूल स्वभाव नहीं बदल सकता है. ठीक वैसे हीं जैसे नल में पानी बलपूर्वक ऊपर तो चढ़ जाता है लेकिन फिर भी अपने स्वभाव के अनुसार बहता नीचे की ओर हीं है.
  • चिरजीवौ जोरी जुरै, क्यों न स्नेह गम्भीर ।
को घटि ये वृषभानुजा, वे हलधर के बीर ॥
अर्थात – यह जोड़ी चिरंजीवी रहे, और क्यों न इनके बीच गहरा प्रेम हो. एक वृषभान की पुत्री हैं, तो दूसरे हलधर(बलराम) के भाई हैं.
वृषभान राधा के पिता का नाम है.
  • नहिं पराग नहिं मधुर मधु नहिं विकास यहि काल ।
अली कली में ही बिन्ध्यो आगे कौन हवाल ।।
अर्थात – न हीं इस काल में फूल में पराग है, न तो मीठी मधु हीं है. अगर अभी से भौंरा फूल की कली में हीं खोया रहेगा तो आगे न जाने क्या होगा. दूसरे शब्दों में, हे राजन अभी तो रानी नई-नई हैं, अभी तो उनकी  युवावस्था आनी बाकि है. अगर आप अभी से हीं रानी में खोए रहेंगे, तो आगे क्या हाल होगा.
राजा जय सिंह अपनी नई पत्नी के प्रेम में इस कदर खो गए थे कि राज्य की ओर उन्होंने बिल्कुल ध्यान देना बंद कर दिया था. तब बिहारी ने इस दोहे को लिखा।
  • या अनुरागी चित्त की, गति समुझै नहिं कोइ ।
ज्यों-ज्यों बूड़ै स्याम रंग, त्यों-त्यों उज्जलु होइ ॥
अर्थात – इस अनुरागी चित्त की गति कोई नहीं समझता है. इस चित्त पर जैसे-जैसे श्याम रंग (कृष्ण का रंग) चढ़ता है, वैसे-वैसे यह उजला होता जाता है.
  • काजर दै नहिं ऐ री सुहागिन, आँगुरि तो री कटैगी गँड़ासा ।।
अर्थात – हे सुहागन तुम काजल मत लगाओ, कहीं तुम्हारी उँगली तुम्हारे गँड़ासे जैसी आँख से कट न जाए.
गँड़ासा – एक हथियार।
  • सतसइया के दोहरा ज्यों नावक के तीर ।
देखन में छोटे लगैं घाव करैं गम्भीर ।।
अर्थात – सतसई के दोहे वैसे हीं हैं, जैसे नावक के तीर है. ये देखने में छोटे लगते हैं, लेकिन इनमें बड़ी अर्थपूर्ण बातें छिपी होती है.
नावक – एक पुराने जमाने का तीर
  • मोर मुकुट कटि काछनी कर मुरली उर माल ।
यहि बानिक मो मन बसौ सदा बिहारीलाल ।।
अर्थात – हे कृष्ण, तुम्हारे सिर पर मोर मुकुट हो, तुम पीली धोती पहने रहो, तुम्हारे हाथ में मुरली हो और तुम्हारे गले में माला हो. इसी तरह (इसी रूप में) कृष्ण तुम मेरे मन हमेशा बसे रहो.
  • मेरी भववाधा हरौ, राधा नागरि सोय ।
जा तन की झाँई परे स्याम हरित दुति होय ।।
अर्थात – हे राधा, तुम्हारे शरीर की छाया पड़ने से तो कृष्ण भी खुश हो जाते हैं. इसलिए तुम मेरी भवबाधा (परेशानी) दूर करो.
  • बतरस लालच लाल की, मुरली धरी लुकाय ।
सौंह करै, भौंहन हँसै, देन कहै नटि जाय ॥
अर्थात – गोपियों ने कृष्ण की मुरली छिपा दी है. और कृष्ण के मुरली माँगने पर वे उनसे स्नेह करती हैं, भौंहें से आपस में इशारे करके हँसती हैं. कृष्ण के बहुत बोलने पर वो मुरली लौटने को तैयार हो जाती हैं, लेकिन फिर मुरली को वापस छिपा लेती हैं.
  • कहति नटति रीझति खिझति, मिलति खिलति लजि जात ।
भरे भौन में होत है, नैनन ही सों बात ॥
अर्थात – नायिका नायक से बातें करती है, नाटक करती है, रीझती है, नायक से थोड़ा खीझती है, वह नायक से मिलती है, ख़ुशी से खिल जाती है, और शरमा जाती है. भरी महफिल में नायक और नायिका के बीच में आँखों से हीं बातें होती है……

2 टिप्‍पणियां:

  1. *भौतिक राशि Physical quantities अन्य भौतिक राशियों से संबंध*
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    1. क्षेत्रफल Area लंबाई × चौड़ाई

    2. आयतन Volume लंबाई× चौड़ाई×ऊंचाई

    3. द्रव्यमान घनत्व Density द्रव्यमान/आय
    4. आवृत्ति Frequency 1/आवर्तकाल

    5. वेग Velocity विस्थापन/समय

    6. चाल Speed दूरी/समय

    7. त्वरण Acceleration वेग/समय

    8. बल Force द्रव्यमान × त्वरण

    9. आवेग Impulse बल × समय

    10. कार्य Work बल × दूरी

    11. ऊर्जा Energy बल × दूरी

    12. शक्ति Power कार्य/समय

    13. संवेग Momentum द्रव्यमान × वेग

    14. दाब Pressure बल/क्षेत्रफल

    15. प्रतिबल Stress बल/क्षेत्रफल

    16. विकृति Strain विमा में परिवर्तन/मूल विमा

    17. प्रत्यास्थता गुणांक Coefficient of elasticity प्रतिबल/विकृति

    18. पृष्ठ तनाव Surface tension बल/लंबाई

    19. पृष्ठ ऊर्जा Surface energy ऊर्जा/क्षेत्रफल

    20. वेग प्रवणता Velocity gradient वेग/दूरी

    21. दाब प्रवणता Pressure gradient दाब/दूरी

    22. श्यानता गुणांक Coefficient of viscosity बल/(क्षेत्रफल× वेग प्रवणता)

    23. कोण Angel चाप/त्रिज्या

    24. त्रिकोणमितीय अनुपात Trigonometric ratio लंबाई/लंबाई

    25. कोणीय वेग Angular velocity कोण/समय

    26. कोणीय त्वरण Angular acelleration कोणीय वेग/समय

    27. कोणीय संवेग Angular momentum जड़त्व आघूर्ण × कोणीय वेग

    28. जड़त्व आघूर्ण Moment of inertia द्रव्यमान× (परिभ्रमण त्रिज्या)2

    29. बल आघूर्ण Torque बल × दूरी

    30. कोणीय आवृत्ति Angular frequency 2π × आवृत्ति

    31. गुरुत्वीय सार्वत्रिक नियतांक Universal constant of gravity बल× (दूरी)2/(द्रव्यमान)2

    32. प्लांक नियतांक Plank’s constant ऊर्जा/आवृत्ति

    33. विशिष्ट उष्मा Specific heat उष्मीय ऊर्जा/(द्रव्यमान× ताप)

    34. उष्मा धारिता Heat capacity ऊष्मीय ऊर्जा/ताप

    35. बोल्टजमान नियतांक Boltzmann’s constant ऊर्जा/ताप

    36. स्टीफन नियतांक Stefan’s constant (ऊर्जा/क्षेत्रफल× समय)/(ताप)4

    37. गैस नियतांक Gas constant (दाब× आयतन)/(मोल× ताप )

    38. आवेश Charge विद्युत धारा × समय

    39. विभवातंर Potential difference कार्य/आवेश

    40. प्रतिरोध Resistance विभवांतर/विद्युत धारा

    41. धारिता Capacity आवेश/विभवांतर

    42. विद्युत क्षेत्र Electric field वैद्युत बल/आवेश

    43. चुम्बकीय क्षेत्र Magnetic field बल/(विद्युत धारा× लंबाई)

    44. चुम्बकीय फ्लक्स Magnetic flux चुम्बकीय क्षेत्र × लंबाई

    45. प्रेरकत्व Inductance चुम्बकीय फ्लक्स/विद्युत धारा

    46. वीन नियतांक Wein’s constant तरंगदैर्ध्य ×ताप

    47. चालकता Conductivity 1/प्रतिरोध

    48. एंट्रॅापी Entropy ऊष्मीय ऊर्जा / ताप

    49. गुप्त उष्मा Latent heat उष्मीय ऊर्जा / द्रव्यमान

    50. तापीय प्रसार गुणांक Coefficient of thermal expansion विमा में परिवर्तन / (मूल विमा × ताप )

    nbsp51. आयतन प्रत्यास्थता गुणांक Bulk modulus ( आयतन × दाब में परिवर्तन )/आयतन में परिवर्तन

    52. वैद्युत प्रतिरोधकता Electric resistance ( प्रतिरोध × क्षेत्रफल )/ लंबाई

    53. वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण Electric dipole moment बल आघूर्ण / विद्युत क्षेत्र

    54. चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण Magnetic dipole moment बल आघूर्ण / चुम्बकीय क्षेत्र

    55. चुम्बकीय क्षेत्र प्रबलता चुम्बकीय आघूर्ण / आयतन

    56. अपवर्तनांक Refractive index निर्वात में प्रकाश की चाल/माध्यम में प्रकाश की चाल

    57. तरंग संख्या Wave number 2π / तरंगदैर्ध्य

    58. विकिरण शक्ति Radiant power उत्सर्जित ऊर्जा / समय

    59. विकिरण तीव्रता Radiant intensity विकिरण शक्ति / घन कोण

    60. हबल नियतांक Hubble constant पश्च सरण चाल /दूरी

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    By, balram kumavat
    M .7740947526

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